क्या आप ने सोचा हैं आखिर क्यों इंसानो को बिजली के झटके लगते हैं ?

क्या आप ने  सोचा हैं आखिर क्यों इंसानो को बिजली के झटके लगते हैं ?

वैसे तो विधुत की खोज इंसानो के लिए वरदान  साबित हुआ हैं , पर  कुछ भी लोग हैं जिनके लिए इसी विधुत ने अभिशाप का काम किया हैं आपने बहुत बार न्यूज़ में सुना होगा की कूलर से बिजली का झटका लगा और मौत हो गई , या फिर आयरन (प्रेस ) से बिजली का झटका लगा और मौत हो गई या फिर खेत में काम करते वक़्त किसान को बिजली के पम्प से झटका लगा और मौत हो गई 


विधुत  प्रणाली में न्यूट्रल तार को छूने पर करंट क्यों महसूस नहीं होता है? और जब फेज के तार को छूते हैं, तो हमें झटका लगता हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी न्यूट्रल तार को छूने पर भी हमें  बिजली का झटका लगता है। तो ऐसा क्यों होता है

आखिर क्या कारण हैं की बिजली के  लोगो की मौत हो जाती हैं शायद आपके मन में भी ये सवाल कभी  आया ही होगा , आखिर क्या कोई ऐसा तरीका भी  हम इनसे बच सके और अपने परिवार को भी बचा सके , इन सभी सवालों का जवाब आपको इस पोस्ट में मील जाएगा 

आज के समय में विधुत ऊर्जा (बिजली) मानव जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है हमारे बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य बिजली पर निर्भर करते हैं लेकिन अगर बिजली के उपयोग और चालन में कोई चूक हो जाये तो हमें करंट अर्थात बिजली झटका लग सकता है जिसके परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं, इससे मनुष्य या अन्य किसी जीव की मृत्यु भी हो सकती है। अतः बिजली को संभलकर उपयोग में लाना चाहिए और सभी मानक नियमों का पालन करना चाहिए।

एक बात का ध्यान रखिये कभी भी किसी भी वस्तु से विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है

यदि वोल्टेज है तो ही कंडक्टर से करंट प्रवाहित हो सकता है, यदि करंट प्रवाहित करना है तो उसका प्रतिरोध कम होना चाहिए। अगर रेजिस्टेंस ज्यादा हो तो करंट के प्रवाह में कई दिक्कतें आती हैं और अगर रेजिस्टेंस कम है तो करंट बहुत आसानी से बहता है।

सभी कंडक्टर का प्रतिरोध बहुत कम होता है और सभी इंसुलेटर का प्रतिरोध इतना अधिक होता है कि उनमें से कोई भी विधुत  प्रवाह नहीं हो सकता है।

न्यूट्रल तार को छूने से विधुत  धारा क्यों नहीं आती है, हमें एक अवधारणा को समझने की जरूरत है।


उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि हमारे पास 50  वाट का बल्ब है, तो हम मापते हैं कि बल्ब को जलाने के लिए कितने एम्पीयर करंट की जरूरत होती है। तो आप जानते हैं कि करंट मापने का सूत्र नीचे दिया गया है:-

I=P/V

मतलब अगर हम करंट लेना चाहते हैं, तो हमें वोल्टेज से वाट को विभाजित करना होगा। इसका मतलब यह हुआ कि इस गणना के अनुसार अगर आपको 50 वाट का बल्ब दिखाई दे तो वह 230 वोल्ट में कितना करंट इस्तेमाल करेगा:-

I = 50 /230 = 0. 217 A

उपरोक्तानुसार , विधुत  प्रवाह लगभग 0. का उपयोग करेगा। साथ ही, यदि आप इस बल्ब का प्रतिरोध ज्ञात करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको ओम का नियम की आवश्यकता होगी। अतः ओम के नियमों के अनुसार निम्न सूत्र का प्रयोग करना होता है:-

R= V/I

यदि इसकी गणना की जाए:-

R = 230/ 0.217 = 1059

तो हमें लगभग 1059 ओम का प्रतिरोध मिलता है, तो आपको इस 50 वाट के बल्ब का प्रतिरोध मिलता है, जो कि 1059 है

क्या  आप जानते हैं कि मानव शरीर का प्रतिरोध क्या है?


मानव शरीर के प्रतिरोध की बात करें तो मानव शरीर का प्रतिरोध 1000 ओम से 10000 ओम के बीच होता है, यह सामान्य स्थिति में होता है। इसका मतलब है कि अगर आपको पसीना आ रहा है या आपने नहा लिया है, बारिश में भीगते हुए आप भीग गए हैं, तो आपके शरीर का रेजिस्टेंस बहुत कम है। और मान लीजिए अगर आपका शरीर सुखा है तो इस स्थिति में आपके शरीर का रेजिस्टेंस बहुत अधिक होगी

जब PHASE WIRE को छूते हैं तो हमें करंट क्यों महसूस होता है।

सबसे पहले हमें यह पता होना चाहिए की फेज और न्यूट्रल क्या है| उदाहरण के लिए,हम यहां एक बल्ब लेते है, इसमें फेस और न्यूट्रल वायर जोड़ देते है|

यह मानते हैं कि वोल्टेज 230 वोल्ट है, और न्यूट्रल 0 वोल्ट है। न्यूट्रल ग्राउंडिंग जाती है जो ट्रांसफार्मर  में जहां डिस्ट्रीब्यूशन शुरू होता है, न्यूट्रल ग्राउंडिंग की जाती है. न्यूट्रल की ग्राउंडिंग  के कारण न्यूट्रल का वोल्टेज शून्य होता है।

क्या होता है जब हम फेज वायर छूते हैं?

जैसे उपर बताया गया है की मानव शरीर का रेजिस्टेंस 1000 से 10000 ओम तक होता है। मान लेते है की किसी व्यक्ति का प्रतिरोध 5000 ओम है।

अब हम गणना करेंगे कि इस CONDITION में फेज वायर को छूने वाले व्यक्ति के शरीर में कितना CURRENT प्रवाहित होगा।

उसके लिए हमें फिर से वही ओम नियम का सहारा लेना होगा। तो हमारा वोल्टेज 230 वोल्ट है और प्रतिरोध 5000 ओम है इसलिए वोल्टेज और प्रतिरोधों से करंट प्राप्त करने का सूत्र है: –

I=V/R

यदि इसकी गणना की जाए:-

I=230/5000=0.046

इसका मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति PHASE WIRE को छूता है और उसके BODY का रेजिस्टेंस 5000 ओम होता है, तो उसके शरीर से 0.046 A या 46 mA करंट प्रवाहित होगा। यह प्रवाह मानव शरीर का REGISTENCE और फेस वोल्टेज के आधार पर कम या ज्यादा हो सकता है।

यदि मानव शरीर में 7 मिली एम्पियर से अधिक धारा प्रवाहित हो रही हो तो व्यक्ति को इसका अनुभव होता है। और अगर करंट 7 मिलीएम्पियर से कम हो तो व्यक्ति को पता भी नहीं चलेगा कि उसके शरीर से करंट प्रवाहित हो रहा है। ऐसे में शरीर के अंदर 40 मिलीमीटर करंट प्रवाहित हो रहा है, इसलिए यह देखना आसान है कि शरीर में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।


करंट लगने के बाद क्या करना चाहिए

(1) मैन सप्लाई ऑफ कर देना चाहिए
(2)जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
(3) अगर मैन सप्लाई को ऑफ करना कठिन है तो सूखी लड़की जैसे डंडा या फिर प्लास्टिक की किसी चीज का उपयोग करके उस व्यक्ति को विद्युत के सम्पर्क से हटाने का प्रयास करें।
(4) पीड़ित के मुँह के अंदर अगर कोई चीज जैसे पान आदि हो तो उसको निकल दें और उसे स्वच्छ हवा में लिटा दें।
(5) करंट लगने पर व्यक्ति झटके के साथ जमीन पर गिर सकता है जिससे उसे गंभीर चोट भी लग सकती है, इसीलिए उसे जमीन पर गिरने से बचाने का प्रयास करें।

(6) अगर पीड़ित को साँस लेने में कठिनाई हो या उसकी साँसे धीमी हो जाएँ तो उसे तुरंत सीपीआर दें।

CPR एक कृत्रिम श्वास प्रक्रिया है इसका उपयोग तब किया जाता है जब, किसी दुर्घटना के तुरंत बाद कोई व्यक्ति सांस नहीं ले रहा हो या साँसे धीमी हो जाये।