विधुत संपर्क में आ गए व्यक्ति को कैसे छुड़ाए ?

विधुत संपर्क में आ गए व्यक्ति को कैसे छुड़ाए ?

कभी कभी ऐसा खुद की या दुसरो की गलती से हो जाता हैं कि कोई वयक्ति विधुत के संपर्क में आ  गया  हो अर्थात विधुत झटके के कारन सप्लाई लाइन से चिपक गया हो तो उसे ततपरता से निम्न प्रकार से छुड़ाए 



(A) मशीन/उपकरण का मेन  स्विच ऑफ कर दे 

(B) यदि मेन स्विच ऑफ कर पाना कठिन हो तो  स्वयं रबर की चटाई , सुखी लकड़ी की वस्तु ,प्लास्टिक की मोटी वस्तु आदि पर खड़े होकर पीड़ित को खींचकर विधुत संपर्क से छुड़ाए 

(C) यह ध्यान रखे की विधुत संपर्क से छुड़ाते समय पीड़ित को किसी भी प्रकार से चोट न लगे 


विधुत झटका लगने का कारण 

जब समान्यता 90 वोल्टस से अधिक वोल्टेज पर हमारे शरीर के आर-पार विधुत धारा प्रवाह स्थापित होता हैं तो हमे एक झटके का अनुभव होता हैं , यही विधुत झटका कहलाता है इसका मुख्य कारण हैं विधुत धारा की तीव्र गति (3 X 10 मीटर्स /सेकण्ड ) जो हमारे शरीर और उसमे हो रहे रक्त प्रवाह की गति से सामंजयस स्थापित नहीं कर पाती है 

किसी व्यक्ति को  विधुत झटका लगने से कितनी छति होती है यह इस बात पर निर्भर करता है कि विधुत धारा की कितनी मात्रा , कितने समय तक उस व्यक्ति के शरीर में से प्रवाहित होती रही हैं 


विधुत झटके के कारण होने वाली शारीरिक क्षतिया 

1. शरीर पे छाले पड़ सकते है 

2. रक्त प्रवाह हो सकता है 

3. किसी अंग का माँस जल सकता है 

4. व्यक्ति मूर्छित हो सकता है 

5. स्वास में रुकावट पैदा हो सकती है 

6. ह्रदय गति रुकने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती हैं 

प्राथमिक उपचार 

किसी दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति का, डॉक्टर के आगमन से पूर्व किया जाने वाला उपचार प्राथमिक उपचार कहलाता है ,इस कार्य के लिए " फर्स्ट एड बॉक्स " आवशयक रूप से उपलब्ध होना चाहिए विधुत झटके से पीड़ित व्यक्ति के उपचार के लिए किसी सहायक के द्वारा डॉक्टर को बुलाए और डॉक्टर के आने से पूर्व निम्न उपचार प्रारम्भ करें 

1.  पीड़ित के चारो ओर से भीड़ हटा दे जिससे की पीड़ित को स्वक्छ वायु मिल सके 

2.  पीड़ित के छालो अथवा जले अंग को स्वक्छ कपडे अथवा कागज से ढक दे जिससे उस पर मक्खी आदि ना बैठे और पीड़ित को अन्य बीमारी ना फ़ैल सके 

3.  पीड़ित यदि कमरे में हो तो खिड़की दरवाजे खोल दे 

4. पीड़ित के मुँह में नकली दाँत , पान तम्बाकू आदि निकाल दे जिससे उसे स्वास लेने में तकलीफ न हो 

5. पीड़ित को यदि स्वास लेने में तकलीफ हो रही हो तो कृत्रिम स्वाश किर्या प्रारम्भ कर दे